कुछ लोग किसी भी घटना के बारे में बहुत अधिक सोचते रहते है। जिसकी वजह से मन में भारीपन और वह तनाव भी आ जाता है। ओवर थिंकिंग से छुटकारा पाने के लिए आपको यह पूरा लेख अवश्य पढ़ना चाहिए।
बहुत से लोग बिना वजह मन मे खयाली पुलाव बनाते रहते है। यदि कोई उनसे दुर्व्यवहार कर दे या कुछ गलत देख सुन ले तब वह उसी बात को मन मे सोचा करते है। ऐसे लोग दूसरों के बारे में बिना वजह बहुत कुछ सोचा करते है। इसकी वजह से उनके रिश्ते भी लोगो के साथ अच्छे नही बन पाते है। ऐसा आदमी लोगो के बीच मे घुल मिल नही पाता और अपने आप मे ही ना जाने क्या-क्या सोचता रहता है।
How to Stop Over Thinking (अधिक सोचने की आदत से छुटकारा कैसे पाएं)
एक लड़का था जो पुरानी बुरी यादों को नही भूल पता था उन्ही के बारे में सोचा करता था। कोई यदि उसे गलत बोल दे तो वह उससे बदला लेने के लिए मन मे न जाने क्या क्या सोचा करता था। कोई गलत या दुखद घटना होते हुए देख लेता तब उसी के बारे में पूरा दिन सोचा करता वही बात बार-बार उसके दिमाग मे घुमाती रहती जिसकी वजह से वह उदास और तनाव में आ जाता था।
एक दिन उसकी यह हालत उसके मित्र ने देखी और उसे लेकर एक मनोविज्ञान के टीचर के पास लेकर गया। टीचर को उस लड़के ने पुरी बात बताई की कैसे वह एक ही घटना को बार-बार सोचकर परेशान और तनावग्रस्त हो जाता है। टीचर ने उसकी बात को ध्यान से सुना और फिर उस लड़के से कहा कि बाहर से एक पत्थर लेकर आओ लड़का दौड़ा-दौड़ा गया और बाहर से एक भारी पत्थर उठाकर ले आया। टीचर ने कहा इस पत्थर को उठाकर यदि तुम थोड़ी देर ऐसे ही खड़े रहोगे तब क्या होगा। यह सुनकर लड़के ने तुरंत जवाब दिया कुछ नही होगा। उसके बाद टीचर ने फिर पूछा यदि इसी पत्थर को ऐसे ही पूरे दिन उठाये रहोगे टैब क्या होगा। लड़के ने कहा शरीर दर्द करने लगेगा हांथ अकड़ जाएगा।
टीचर ने कहा ऐसा ही हमारी जिंदगी के साथ भी होता है। यदि हम बुरी यादों का बोझ अपने दिमाग पर अधिक देर तक रखेंगे तो इससे हमारे मन और मष्तिस्क दोनों पर बुरा प्रभाव पडेगा। जैसे हमे अपने शरीर के दर्द से बचने के लिए पत्थर को नीचे रख देना चाहिए वैसे ही तनावग्रस्त होने से बचने के लिए बुरी घटनाओं और यादों को जितनी जल्दी हो सके अपने दिमाग से निकाल देना चाहिए। उन्हें बार-बार मन मे दोहराना नही चाहिए वरना वह हमारे अवचेतन मन मे चली जाती है। इससे हम मानसिक रूप से बहुत बीमार हो सकते है। लोगो के साथ हमारे संबंध खराब होने की वजह से इसका हमारे सामाजिक जीवन पर बुरा असर होता है।
अपनी अधिक सोचने की आदत ( Over Thinking) से छुटकारा पाने के लिए किसी भी अप्रिय घटना को जितनी जल्दी हो सके अपने दिमाग से निकाल देना अच्छा होता है। जब भी आपके मन मे ऐसे खयाल आये तो उन्हें अपनी अच्छी यादों से बदल देना ही बेहतर होता है। यदि बार-बार कोई बात आपको बहुत परेशान कर रही हो तब आपको कोई ऐसा काम करने लग जाना चाहिए जिसमें आपका मन लगे और आपको खुशी मिले।
अपने दिमाग मे हमेशा अच्छी चीजें ही भरे बुरी घटनाए और यादों के बोझ को जितनी जल्दी हल्का कर देंगे उतना ही आपकी मानसिक सेहत के लिए अच्छा रहेगा। सामाजिक, आर्थिक और पारिवारिक जीवन मे सफ़लता पाने के लिए अपने दिमाग और मन को मजबूत बनाये और इसमें कूड़ा-करकट न भरे अच्छे विचार भरे और सोचें।
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