सक्सेस स्टोरी: कैसे एक छोटी सी किराने की दुकान 1000 करोड़ के टर्नओवर वाली कंपनी बन गयी

Success Story: राजस्थान की छोटी सी किराने की दुकान से शुरुवात करने वाला पंसारी ग्रुप आज के समय 1000 करोड़ रुपये की एक कंपनी बन चुका है। पंसारी ग्रुप के बहुत से किराना उत्पाद आज ब्रांड बन चुके है।

यंहा हम पंसारी ग्रुप की सफलता की कहानी जानेंगे कि कैसे एक छोटी सी किराने की दुकान का बिज़नेस आज के समय एक बहुत बड़ा ग्रुप बना चुका है। पंसारी ग्रुप का टर्नओवर 1000 करोड़ से ज्यादा है

पंसारी ग्रुप की सफलता की कहानी

पंसारी ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर का नाम Shammi Agrawal है। लेकिन इस बिज़नेस की नींव उनके दादा जी ने डाली थी। राजस्थान के पवाटा में शम्मी अग्रवाल के दादा जी गोकुल चंद्र अग्रवाल ने एक दुकान डाली और उसका नाम दिया पंसारी की दुकान। इस दुकान में दादा जी किराने का सामान बेचा करते थे।

कुछ समय बाद 1960 में दादा जी कोलकाता शहर में  शिफ्ट हो गए और यंहा पर उन्होंने सरसो और तिल का कारोबार शुरू किया। कुछ दिनों बाद शम्मी के पिता जी दिल्ली आ गए और यंही पर बिजनेस करने लगे। पहले शम्मी के परिवार में सरसों और तिल का कारोबार होता था। लेकिन बीच मे कुछ ऐसा हुआ जिससे उनको इसमें नुकसान होने लगा जिससे उनके परिवार ने सरसो और तिल का बिजनेस बंद कर दिया और खाने वाले तेल की ट्रेडिंग करने लगे।

कुछ दिनों के बाद 80 के दशक में शम्मी अग्रवाल के पिता जी कमल अग्रवाल दिल्ली आ गए और यंहा पर उन्होंने किराए पर लेकर सरसो के तेल का उत्पादन करने वाली फैक्ट्री की शुरुवात की। इस फैक्ट्री में बनने वाले तेल को वह बिना कोई ब्रांड का नाम दिए ऐसे ही थोक में बेचने लगे।

 जब शम्मी ने बिजनेस सम्भाल तो उन्होंने इसे एक ब्रांड बनने की सोची और "पंसारी" के नाम से सरसो का तेल बाजार में लांच कर दिया। शम्मी नई पीढ़ी और नई सोच के व्यक्ति उन्होंने सारी तैयारी पहले ही कर ली थी कि कैसे उन्हें अपने प्रोडक्ट को ब्रांड बनाना है। वह छोटे दुकानदारों के पास गए जो किराना के प्रोडक्ट सेल करते थे। जब छोटे सेलर्स ने उनका प्रोडक्ट बेचना शुरू कर दिया तो फिर धीरे-धीरे मार्किट में "पंसारी" ब्रांड फैलने लगा। 

शम्मी अग्रवाल ने तेल के कारोबार को एक ब्रांड बना दिया लेकिन यह तभी सम्भव है जब आपके अंदर कुछ अलग करने, सपने देखने और उन्हें हकीकत में बदलने का जज़्बा हो।

शम्मी का सपना था कि उनके कारोबार का एक ब्रांड हो और उन्होंने उसे पूरा करके दिखाया। कोई भी इंसान यदि स्वयं पर विश्वास रखना और मेहनत करना जनता है तो वह अपने सपने को आसानी से पूरा कर पाता है। यंहा शम्मी अग्रवाल की कहानी से हमे यह भी सीखना चाहिए कि कोई भी बिज़नेस हो यदि उसे निरंतर गतिमान रखा जाए तो वह आगे आने वाली पीढ़ी तक की जिंदगी सुधार सकता है।
 
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